श्यानता

 

श्यानता

तरलों का वह गुण जिसके कारण तरल अपनी अलग अलग परतों के मध्य होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करता है , इस गुण को तरल का श्यानता कहते है।

किसी तरल के बहने का विरोध करने की क्षमता को उस तरल की श्यानता कहते है।

जब किसी द्रव की विभिन्न परतें एक दुसरे पर फिसलती है या फिसलने का प्रयास करती है तो उनकी परतों के मध्य एक स्पर्श रेखीय घर्षण बल कार्य करता है तो परतों के आपस में फिसलने या गति का विरोध करता है तरल के इस गुण को श्यान बल कहा जाता है और तरल के इस गुण को श्यानता कहते है।

किसी तरल की श्यानता का मापन गुणांक के रूप में किया जाता है जिसे श्यानता गुणांक कहते है। यह हर तरल के लिए नियत होता है और इसका मान तरल की प्रकृति पर निर्भर करता है। किसी बहते हुए तरल की दो परतों के मध्य लगने वाला श्यान बल (F) का मान निम्न दो चीजो पर निर्भर करता है –

  • श्यान बल (F) का मान दोनों परतों के सम्पर्क क्षेत्रफल (A) के समानुपाती होता है।
  • श्यान बल (F) का मान दोनों परतों के मध्य वेग प्रवणता (dV/dx) के भी समानुपाती होता है।
  • दोनों शर्तों को साथ में रखने पर

    F ∝ A(dV/dx)

    समानुपाती का चिन्ह हटाने पर

    यहाँ n = एक स्थिरांक है जिसे श्यानता गुणांक कहते है।

    श्यानता गुणांक की परिभाषा : एकांक पृष्ठ क्षेत्रफल की दो परतों के मध्य लगने वाला श्यान बल का मान श्यानता गुणांक कहलाता है।

    श्यानता गुणांक का SI मात्रक -किग्रा-मी-1-से-1 या न्यूटन-से/मी2 होता है।

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