वर्ग-6 वी विज्ञान CHAPTER- 4. वस्तुओ के समूह बनाना l PRIYANSHU THAKUR

 वर्ग-6 वी विज्ञान CHAPTER- 4. वस्तुओ के समूह बनाना । UPSC के लिए मुख्य बिंदु टॉपिक वाइज निम्नलिखित दिया गया है जो आपके बेसिक कांसेप्ट को एक दिशा प्रदान करेगा। दोस्तों, मेरा नाम प्रियांशु ठाकुर है। मैं एक UPSC एस्पेरन्ट हुं। साथ ही मैं अपने अनुभव को साझा करने और नए  परीक्षार्थियों को अपनी राय बताने  के लिए ब्लॉग लिखता हुं। 

 










4. वस्तुओ के समूह बनाना

≫Topic:-

4.1 हमारे चारों ओर की वस्तुएँ 

4.2 पदार्थो के गुण 

  4.2.1 दिखावट 

  4.2.2 कठोरता 

  4.2.3 विलेय अथवा अविलेय 

  4.2.4 वस्तुएं जल में डूब अथवा तैर सकती है 

  4.2.5 पारदर्शी,अपारदर्शी एवं पारभासी 







➡️विस्तृत विवरण 

4.1 हमारे चारों ओर की वस्तुएँ 



⏩ मुख्य बिंदु :-

≫  हमारे चारो और की वस्तुए एक अथवा एक से अधिक पदार्थो से बनी होती हैं। ये पदार्थ कांच,धातुओं,प्लास्टिक,लकड़ी,रुई,कागज,पंक तथा मृदा हो सकती है। 

नोट:- वास्तु एक ही पदार्थ से बनी होती है तो ऐसा भी होता है की एक ही वास्तु कई पदर्थो से भी बनी हो सकती है और फिर एक ही पदार्थ  के उपयोग से कई वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। 








4.2 पदार्थो के गुण 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫  किसी वस्तु को बनाने के लिए  पदार्थ  चयन किया जाना उस पदार्थ के गुणों तथा उपयोग की जाने वाली वास्तु के प्रयोजन पर निर्भर करता है। पदार्थ के निम्नलिखित मुख्य गुण पाए जाते है :-

  4.2.1 दिखावट 

  4.2.2 कठोरता 

  4.2.3 विलेय अथवा अविलेय 

  4.2.4 वस्तुएं जल में डूब अथवा तैर सकती है 

  4.2.5 पारदर्शी,अपारदर्शी एवं पारभासी 






4.2.1 दिखावट 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ पदार्थ प्रायः एक-दूसरे से भिन्न दिखाई देती है। लोहा,तांबे अथवा एल्युमीनियम से भिन्न दिखाई पड़ता है। परन्तु फिर भी लोहा,तांबे तथा एल्युमीनियम में कुछ समानताएं हो सकती है, जो लकड़ी में नहीं पाई जाती है। 

≫  धुतिवान- पदार्थ जिनमे धुति(चमक) होती है, वे प्रायः धातु कहलाते है। अथार्थ धुतिवान का अर्थ चमकदार ' होता है। 

≫ धुतिहीन - लोहा, ताम्बा, एल्युमीनियम, तथा सोना, धातुओं के उदाहरण है। कुछ धातुएं बहुधा अपनी चमक खो देती है और धुतिहीन(निष्प्रभ) दिखाई देने लगती है। ऐसा उन पर वायु तथा नमी  की अभिक्रियाओं के कारण होता है। 








4.2.2 कठोरता

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ विभिन्न पदार्थो में कुछ पदार्थ को संपीडित करना आसान होता है जबकि कुछ पदार्थो को समीडित करना कठिन होता है। अतः यह पदार्थ के कठोरता को दर्शाता है। कठोरता के गुण के आधार पर पदार्थ के दो मुख्य भाग होते है - कोमल पदार्थ एवं कठोर पदार्थ। 

≫  कोमल पदार्थ - वे पदार्थ जिन्हे आसानी से सम्पीड़ित किया अथवा खरोचा जा सकता है, कोमल पदार्थ कहलाता है। 

≫  कठोर पदार्थ - वे पदार्थ जिन्हे आसानी से संपीडित नहीं किया जा सकता है,कठोर पदार्थ कहलाते है। 

नोट :-दिखावट में, पदार्थ में विभिन्न गुण हो सकते है , जैसे - धुति,कठोरता,रुक्ष(खुरदरा) अथवा चिकना होना। 






4.2.3 विलेय अथवा अविलेय 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ विलेय पदार्थ - वे पदार्थ जो जल में घुल अथवा विलीन हो जाते है , विलेय पदार्थ कहलाते है। जैसे-चीनी, नमक आदि। 

≫ अविलेय पदार्थ - वे पदार्थ जो जल में नहीं  घुलते है , अविलेय पदार्थ कहलाते है।  जैसे - पत्थर, बालू, लकड़ी के चूर्ण आदि। 







4.2.4 वस्तुएं जल में डूब अथवा तैर सकती है 








4.2.5 पारदर्शी,अपारदर्शी एवं पारभासी 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫  पारदर्शी - वे वस्तुए अथवा पदार्थ जिनके आर -पर देखा जा सकता है , पारदर्शी पदार्थ या वास्तु कहलाते है। जैसे - सीसा,प्लास्टिक,जल आदि। 

≫  अपारदर्शी - वे वस्तुए अथवा पदार्थ जिनके आर-पार देखा नहीं  जा सकता है , अपारदर्शी वस्तुए कहलाती है। जैसे - दीवार,कागज,लकड़ी , किताब, ईट आदि। 

≫  पारभाषी - ऐसे पदार्थ जिनसे होकर वस्तुए को देखा सकते है लेकिन स्पस्ट नहीं देखा जा सकता है, पारभासी कहलाते है। जैसे - तेल लगा कागज,पॉलीथिन,सूती कपड़ा आदि। 

















Previous Post Next Post