वर्ग-6 वी विज्ञान CHAPTER-3. तंतु से वस्त्र तक l PRIYANSHU THAKUR

  वर्ग-6 वी विज्ञान CHAPTER-3. तंतु से वस्त्र तक। UPSC के लिए मुख्य बिंदु टॉपिक वाइज निम्नलिखित दिया गया है जो आपके बेसिक कांसेप्ट को एक दिशा प्रदान करेगा। दोस्तों, मेरा नाम प्रियांशु ठाकुर है। मैं एक UPSC एस्पेरन्ट हुं। साथ ही मैं अपने अनुभव को साझा करने और नए  परीक्षार्थियों को अपनी राय बताने  के लिए ब्लॉग लिखता हुं। 







3. तंतु से वस्त्र तक 

≫Topic:-

3.1 वस्त्रो में विभिन्नता 

3.2 तंतु  

3.4  सूती तांगे की कटाई 

3.5  तांगे से वस्त्र 

3.6 वस्त्र सामग्री का इतिहास 








➡️विस्तृत विवरण 

3.1 वस्त्रो में विभिन्नता



⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ डस्टर, कंबल, परदे ,मेजपोश ,तोलिया,साडिया,बेडशीट आदि।सभी भिन्न-भिन्न प्रकार  से बने है ,वस्त्रो की पहचान सूती ऊनि अथवा संश्लिस्ट के रूप  होती है। 















3.2 तंतु 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ तंतु - कपड़ो के धागो पतली लड़िया जिनसे धागो का निर्माण होता है, तंतु  कहलाते है। वस्त्र,धागो से मिलकर  बनते है तथा धागे, तंतुओ से मिलकर बनते है। तंतु दो प्रकार के होते है-प्राकृतिक तंतु एवं कृत्रिम(संस्लिस्ट) तंतु। 



≫ प्राकृतिक तंतु - कुछ वस्त्रो जैसे - सूती,जुट,रेशमी तथा ऊनो के तंतु पादपों तथा जन्तुओ से प्राप्त होते है तथा इन्हे प्रकृतिक तंतु कहते है। रुई तथा जुट(पटसन) पादपों से तथा उन तथा रेशम जन्तुओ से प्राप्त होते है। 

नोट:-रेशमी तंतु रेशम किट के कोकून से खींचा जाता है। 

≫ संश्लिस्ट तंतु - रासायनिक पदार्थो  निर्मित तंतुओ को सांसलिस्ट अथवा कृत्रिम तंतु।  पॉलिएस्टर,नायलोन और एक्रिलिक सांसलिस्ट तंतुओ के उदाहरण है। 












3.3 कुछ पादप तंतु 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ कपास गोलक - रुई कपास पादप के फल कपास गोलक कहा है। ये लगभग निम्बू के आकार के होते है। 

नोट:-कपास के खेती के लिए काली मृदा तथा उष्ण जलवायु होती है। 


≫ कपास से रुई निकलना - कपास गोलक जब पूर्ण परिपक्व हो जाते है तो वह टूटकर खुल जाते है तथा कपास तंतु ढके बिनौले से बाहर आ जाते है। साधारणतया  इन कपास बालो से कपास को हस्त चयन द्वारा प्राप्त किया जाता है। 



≫ कपास ओटना - कपास के बीजो को कंकटन द्वारा पृथक किया जाता है।  इस प्रक्रिया को कपास ओटना कहते है।


 

≫ जुट प्राप्त करने का प्रक्रिया - पटसन तंतु को पटसन पादप के तने से प्राप्त किया जाता है। सामान्यता: पटसन पादप को पुष्पन अवस्था में काटते है।  फसल कटाई  पश्चात् पादपों के तनो को कुछ दिनों तक जल में डूबाकर रखते है। ऐसा करने  पर तने गल जाते है और उन्हें पटसन तंतुओ से हाथो द्वारा पृथक कर दिया जाता है। 

नोट:- भारत में जुट की खेती वर्षा ऋतु में की जाती है। भारत में पटसन प्रमुख रूप से पश्चिम बंगाल,बिहार तथा असम में उगाया जाता है। 










3.4  सूती तांगे की कटाई 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ कटाई - रेशो से तांगा बनाने  की प्रक्रिया को कताई कहते है। 



≫ तकली - कताई के लिए एक साल युक्ति ''हस्त कुआँ '' का उपयोग किया जाता है, जिसे ' तकली '

कहते है।  हाथ से प्रचलित कटाई में उपयोग होने वाली एक अन्य युक्ति चरखा है। 



नोट :- महात्मा गाँधी ने स्वंतंत्र आंदोलनों के तर्ज पर चरखा के उपयोग को बढ़ावा दिया। 









3.5  तांगे से वस्त्र 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ तांगे से वस्त्र बनाने की कई विधियां है।  इनमे दो प्रमुख विधिया बुनाई तथा बंधाई है-बुनाई (स्वीविंग),निटिंग। 

≫ बुनाई( स्वीविंग) - तांगों के दो सेतो को आपस में व्यवश्थित करके वस्त्र बनाने की प्रक्रिया को बुनाई कहते है। 


≫ निटिंग - बुनाई में किसी एकल तांगे का उपयोग कर वस्त्र  के  टुकडे बनाने की प्रक्रिया निटिंग कहलाती है।  स्वेटर बुनना इसी के अंतर्गत आता है। निटिंग की प्रक्रिया हस्त तथा विधुत दोनों से होती है। 










3.6 वस्त्र सामग्री का इतिहास 

⏩ मुख्य बिंदु :-

≫ वस्त्रो के विषय में पूर्व प्रमाणों से ऐसा प्रतीत होता है की प्रारम्भ में लोग वृक्षों की छालो,बड़ी-बड़ी पतियों अथवा जंतु की चार्म और खाल से अपने शरीर को ढकते थे। 















 

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