सरकार क्या है

 



पाठ्य 3 – सरकार क्या है

  • हर एक देश को विभिन्न निर्णय लेने एवं कम करने के लिए सरकार की जरूरत होती है।
  • जैसे सड़कें और स्कूल कहाँ बनवाएँ इत्यादि।
  • सरकार का काम देश की सीमाओं की सुरक्षा करना और दूसरे देशों से शांतिपूर्ण सरकार बनाएँ रखना भी है।
  • जब प्रकृतिक विपदा, जैसे सुनामी या भूकंप, तो मुख्य रूप से सरकार ही पीड़ित लोगों की सहायता करती हैं।

                        अगर कहीं विवाद होता है या कोई अपराध करता है तो लोग न्यायालय जाते हैं, न्यायालय भी सरकार का हीं अंग है।

  • कुछ उदाहरण जो सरकार के अंग है – सर्वोच्च न्यायालय, भारत पेट्रोलियम, भारतीय रेल इत्यादि।

सरकार के स्तर

  • स्थानीय (गाँव, शहर या मुहल्ला) स्तर पर, राज्य के स्तर पर एवं राष्ट्रीय स्तर पर। सरकार इन तीनों स्तरों पर कम करती है।

सरकार एवं कानून

  • सरकार कानून बनती है और देश में रहने वाले सभी लोगों को वे कानून मानने होते हैं।
  • केवल वहीं एक तरीका है जिससे सरकार कम कर सकती है।
  • जैसे गाड़ी चलाने वाले के पास लाइसेन्स होना चाहिए या रेलगाड़ी में। हर जगह कानून है।
  • लोकतन्त्र में लोग हीं सरकार को यह शक्ति देते हैं, चुनाव के माध्यम से।
  • सरकार को अपने निर्णयों एवं उठाए गए कदमों का आधार बताना होता है और सफाई देनी होती है।
  • अगर किसी व्यक्ति को यह लगे कि उसके धर्म या जाति के कारण किसी नौकरी में नहीं लिया गया तो वह न्यायालय जा सकती है, यह सरकार का ही अंग हैं।


सरकार के प्रकार

  • राजतंत्र एवं प्रजातंत्र

लोकतान्त्रिक सरकार

  • भारत एक लोकतन्त्र है।
  • लोकतंत्र कि मुख्य बात यह है कि लोगों के पास अपनी नेता चुनने कि शक्ति होती है।
  • इसलिए एक अर्थ में लोकतंत्र लोगों का ही शासन होता है।
  • लोकतंत्र मे मूलभूत विचार यह है कि लोग नियमों को बनाने में भागीदार बनकर खुद हीं शासन करें।
  • आज के समय में लोकतान्त्रिक सरकार को प्रायः “प्रतिनिधि लोकतंत्र” कहते हैं।
  • प्रतिनिधि लोकतन्त्र में सीधे लोग भाग नहीं लेते हैं बल्कि चुनाव कि प्रक्रिया के द्वारा अपने प्रतिनिधि चुनते हैं।
  • ये प्रतिनिधि मिलकर सभी जनता के लिए काम करती है।
  • एक समय ऐसा था जब लोकतान्त्रिक सरकारें औरतों और गरीबों को चुनाव में भाग नहीं लेने देती थी।
  • केवल पढ़े-लिखे पुरुषों को हीं अधिकार था।
  • गांधीजी समेत कई नेताओं ने इसका विरोध किया।
  • 1931 में “यंग पत्रिका” में गांधीजी ने लिखा “मै यह सहन नहीं कर सकता कि जिस आदमी के पास संपती है वो वोट दें और बाकि नहीं”।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जब सभी पुरुष लड़ाई के लिए गए थे तो यूरोप और अमेरिका में महिलाओं ने उस देश को बहुत अच्छे से सपोर्ट किया।
  • फिर महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं है, ऐसा मताधिकार के लिए संघर्ष करने लगी।
  • फिर एक आंदोलन शुरू हुआ जिसका नाम है “मताधिकार आंदोलन” या “ सफ्रेज मूवमेंट” कहते हैं और “सफ्रेज” का मतलब है “वोट देने का अधिकार”।
  • अमेरिका में औरतों को वोट देने का अधिकार 1920 में मिला जबकि इंग्लैंड कि औरतों को 1928 में मिला।


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